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बकरी पालन से मजबूरी में हो रहे पलायन को लगेगा विराम

10 गांव की महिलाओं ने लिया 5 दिवसीय पशु सखी ने प्रशिक्षण

 

#वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़#

उदयपुर ब्यूरो चीफ/लिम्बाराम उटेर#

आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र कोटडा उत्तरी गुजरात के साबरकांठा और बनासकांठा से जुड़ा हुआ है कोटड़ा का ममर इलाका पूरी तरीके से गुजरात में खेती के कार्य आधारित मजदूरी पर निर्भर है अधिक संख्या में मजदूर जाने के कारण उन्हें सही मजदूरी नहीं मिल पाती जिससे उनकी आजीविका मजबूत नहीं हो पा रही है।

इस समस्या के समाधान हेतु कोटडा आदिवासी संस्थान द्वारा परंपरागत रूप से बकरी पालन कर रहे परिवारों को व्यावसायिक रूप से बकरी पालन की और कैसे अग्रसर किया जाए इस हेतु पशु सखी कार्यक्रम को शुरू किया गया है।

संस्थान के समन्वयक मुकेश योगी ने बताया कि मामेर क्षेत्र के 10 गांव से एक 10 महिलाओं का चयन किया गया है जो स्वयं पशुपालन में रुचि रखती है एवं गांव के अन्य महिलाओं को भी व्यावसायिक पशुपालन सीखने में अग्रणी भूमिका निभा सकती है। में अग्रणी महिलाओं को पशु सखी पद के साथ पांच दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण का आयोजन आस्था प्रशिक्षण केंद्र बदला में किया गया जहां पर एक को लाइवलीहुड क्रिएशन, अजमेर के निदेशक जगदीश गुर्जर ने विस्तृत रूप से पशुपालन के गुण सिखाए।

यह सिखाया प्रशिक्षण में

बकरी पालन के पाँच स्तभ नस्ल, स्वास्थ्य, खान-पान, प्रबंधन, बाजार के बारे में विस्तार से बताया गया। बकरियों के लिए बाड़ा बनाना, समय समय पर टिकाकरण लगाना, डीवर्मीग करना, बकरी पालको का एक समूह तैयार करना।

 

 

पशु सखियों को दिया कीट

प्रशिक्षण समापन के अवसर पर पशु सखी को उनकी ड्रेस, दवाई का किट, पशुपालकों की जानकारी हेतु रजिस्टर, प्राथमिक इलाज के लिए संदर्भ पुस्तिका प्रदान की गई।

 

किसने क्या कहा

आज समापन समारोह में बटर अतिथि जिला पशु चिकित्सालय से डॉक्टर ओम प्रकाश साहू और नाबार्ड से जिला विकास प्रबंधक नीरज यादव ने भागीदारी की।

 

संस्थान के निदेशक सरफराज ने बताया कि कोटरा में पशुपालन और खेती आधारित आजीविका पर फोकस किया जाए तो यहां पर मजबूरी में हो रहे प्रवास को रोका जा सकता है स्थानीय आजीविका को बढ़ाने के उद्देश्य से पशु सखी आधारित बकरी पालन व्यवसाय पर कार्य शुरू किया गया है।

 

डॉक्टर ओम प्रकाश साहू जिला पशु चिकित्सालय विभाग से ने बताया कि संस्थान की ओर से बहुत अच्छी पहल शुरू की जा रही हैं। कोटड़ा जैसे क्षेत्र में बकरी पालन कार्य करने की जरूरत हैं। इसमें विभाग के द्वारा जो भी सहयोग की जरूरत होगी वो करने के लिए तैयार है।

 

नाबार्ड बैंक से जिला विकास प्रबंधक नीरज यादव ने बताया कि संस्थान से पशु सखी की हो अवधारणा लेकर काम शुरू किया जा रहा है यह कोटड़ा क्षेत्र में बकरी पालन को बड़े स्तर पर लेकर जा सकता हैं। उन्होंने बताया कि नाबार्ड की ओर से जो भी सहयोग होगा उसको करने की कोशिश करूंगा साथ ही उन्होंने महिलाओं को फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

 

पशु सखी पानेरी देवी इस प्रशिक्षण की सबसे कम पढ़ी लिखी महिला जिससे पाँच दिन सभी दवाइयों के बारे में सीखी और इस घर पर 10 बकरियों के साथ व्यवसाय शुरू करेगी और गाँव मे सभी महिलाओं को जागरूक करने का कार्य करेगी।

 

इस दौरान संस्थान के क्षेत्रीय समन्वयक मुकेश योगी, राजेन्द्र कुमार, सवाराम मौजूद रहे।

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